भारत का भूगोल सामान्य परिचय | भारत का क्षेत्रफल
हेल्लो, कैसे हो आप आज हम भारत के क्षेत्रफल को विस्तार से अध्यन करेंगे, भारत का भूगोल | General Introduction to Geography of India in Hindi के बारे में जानेंगे। भारत एशिया महाद्वीप में है। 1/632 हिंद महासागर में एक अनियमित चतुष्कोणीय देश है। भारत अक्षांशीय रूप से उत्तरी गोलार्द्ध में और देशांतरीय रूप से पूर्वी गोलार्द्ध में है। भारत दुनिया में क्षेत्रफल की दृष्टि से सातवां बड़ा देश है (रूस, कनाडा, अमेरिका, चीन, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया के बाद) और जनसंख्या की दृष्टि से दूसरा, चीन के बाद।
26 जनवरी 2020 से भारत में 28 राज्य और 8 केंद्रशासित प्रदेश हैं। वर्तमान केंद्रशासित प्रदेश, “दादरा और नगर हवेली तथा दमन और दीव”, एक साथ मिलकर बनाया गया है। इससे पहले जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख केंद्रशासित प्रदेश थे। इन्हें जम्मू और कश्मीर राज्यों के पुनर्गठन के बाद बनाया गया था।
भारत का कुल क्षेत्रफल 3287263 वर्ग
भारत का कुल क्षेत्रफल 3287263 वर्ग किमी है, जो विश्व क्षेत्रफल का लगभग 2.4% है। भारत विश्व की 17.5% जनसंख्या का घर है। (2011 की अंतिम जनगणना के अनुसार) भारत का मुख्य भूभाग 3214 किमी उत्तर-दक्षिण और 2933 किमी पूर्व-पश्चिम है।
अक्षांशीय विस्तार
भू-पृष्ठ पर विषुवत रेखा से उत्तर या दक्षिण दिशा में स्थित किसी भी बिंदु से पृथ्वी के केंद्र से मापी गई कोणीय दूरी। कल्पित रेखाएं, जो पृथ्वी के चारों ओर पूर्व से पश्चिम दिशा में विषुवत रेखा के समानांतर खींची जाती हैं, अक्षांश रेखाएं कहलाती हैं।
अंशों, मिनटों और सेकंडों में अक्षांश दिखाया जाता है। भूमध्य रेखा, पृथ्वी को दो बराबर भागों में बांटने वाला 0″ अक्षांश है। उत्तरी गोलार्द्ध विषुवत वृत्त (भूमध्य रेखा) का उत्तरी भाग है, जबकि दक्षिणी भाग दक्षिणी गोलार्द्ध है।
भूमध्य रेखा के दक्षिण में स्थित अक्षांश रेखाएं दक्षिणी अक्षांश रेखाएं कहलाती हैं, जबकि भूमध्य रेखा के उत्तर में स्थित अक्षांश रेखाएं उत्तरी अक्षांश रेखाएं कहलाती हैं। दक्षिणी अक्षांश रेखाएं उत्तरी गोलार्द्ध भूमध्य रेखा दक्षिणी गोलार्द्ध पश्चिमी देशांतर, रेखाएं 0″
89 अक्षांश रेखाएं उत्तरी गोलार्द्ध में तथा 89 अक्षांश रेखाएं दक्षिणी गोलार्द्ध में होंगी, अगर अक्षांश रेखाओं को 1° के अंतराल पर खींचा जाए। इस तरह विषुवत वृत्त को लेकर कुल अक्षांश रेखाओं की संख्या 179 होगी (89+89+1)। किन्हीं दो समांतर अक्षांश रेखाओं के मध्य लगभग 111 किमी. की दूरी है।
भारत एवं कर्क रेखा
कर्क रेखा विषुवत रेखा के उत्तर में 23 30′ उत्तरी अक्षांश है। कर्क रेखा भारत के मध्य से गुजरती है। कर्क रेखा भारत के आठ राज्यों से गुजरती है: गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और मिजोरम।
सूर्य उत्तरायण (भूमध्य रेखा के उत्तर) होने के बाद से उत्तरी गोलार्द्ध में दिनों की अवधि बढ़ती जाती है। 21 जून को सूर्य उत्तरायण स्थिति में सबसे ऊपर होगा। कर्क रेखा के उत्तर जाने पर जून में दिनों की अवधि बढ़ने लगती है। माही नदी दो बार कर्क रेखा पार करती है।
महत्वपूर्ण भारतीय नगरों की अक्षांशीय स्थिति –
स्थल | उत्तरी अक्षांश |
अगरतला | 23°50′ |
गांधीनगर | 23°19¹ |
जबलपुर | 23°11′ |
उज्जैन | 23°09′ |
कोलकाता | 22°30′ |
नागपुर | 21°09′ |
अहमदाबाद | 23°02′ |
वाराणसी | 25°18′ |
भोपाल | 23°25’ |
मानक समय
भारत की प्रामाणिक मध्याह्न रेखा (IST) 82°30′ पूर्वी देशांतर पर है। यह देशांतर रेखा इलाहाबाद (अब प्रयागराज) और मिर्जापुर से गुजरती है। भारतीय मानक समय (IST) ग्रीनविच माध्य (GMT) से 5 घंटा 30 मिनट आगे है।
ध्यातव्य है कि दुनिया भर के देशों ने आपसी सहमति से मानक याम्योत्तर को 7°30′ (7°30′ = 30 मिनट) देशांतर के गुणांक पर निर्धारित किया है। भारत के बड़े अक्षांशीय विस्तार से गुजरात से अरुणाचल प्रदेश का स्थानीय समय लगभग दो घंटे दूर है।
82°30′ पूर्व याम्योत्तर (देशांतर) को भारत का मानक याम्योत्तर चुना गया है, जिससे प्रशासनिक और अन्य कार्यों में कठिनाई नहीं होगी। यह पांच राज्य हैं: उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और भारत की मानक समय रेखा का पूर्वी देशांतर।
दूरस्थ बिंदु
31 अक्टूबर 2019 से भारत में अरुणाचल प्रदेश सबसे पूर्वी राज्य है, गुजरात सबसे पश्चिमी है, हिमाचल प्रदेश सबसे उत्तरी है, और तमिलनाडु सबसे दक्षिणी है। लद्दाख राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों का उत्तरी हिस्सा है, जबकि अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह का दक्षिणी हिस्सा है। भारत के इतने बड़े क्षेत्रफल में चार महत्वपूर्ण बिंदु हैं –
1) सुदूरस्थ दक्षिणी बिंदु – इंदिरा प्वाइंट (ग्रेट निकोबार अथवा बड़ा निकोबार द्वीप) है एवं भारत की मुख्य भूमि पर दक्षिणतम बिंदु कन्याकुमारी (तमिलनाडु)।
2) सुदूरस्थ उत्तरी बिंदु – सियाचिन ग्लेशियर के निकट, इंदिरा कोल (Indira Col) लद्दाख
3) सुदूरस्थ पश्चिमी बिंदु – गुहार मोती (गुजरात)
4) सुदूरस्थ पूर्वी बिंदु – किबिथु (अरुणाचल प्रदेश)
5) तमिलनाडु राज्य में अवस्थित कन्याकुमारी भारत की मुख्य भूमि पर स्थित दक्षिणतम स्थल है।
कन्याकुमारी (केप कोमोरिन), भारत का वह स्थान है जहां बंगाल की खाड़ी, अरब सागर तथा हिंद महासागर मिलते हैं।
सीमावर्ती देश
पाकिस्तान, अफगानिस्तान, चीन, नेपाल, भूटान, म्यांमार, बांग्लादेश, मालदीव और श्रीलंका भारत के निकटतम पड़ोसी हैं। देश की सीमाएं प्राकृतिक हैं और मानव निर्मित हैं।
भारत की स्थलीय सीमा चीन और नेपाल से उत्तर में है; अफगानिस्तान से उत्तर-पश्चिम में; पाकिस्तान से पश्चिम में; बांग्लादेश और म्यांमार से पूर्व में; और भूटान से उत्तर-पूर्व में।
भारत की सीमाएं अफगानिस्तान, पाकिस्तान, चीन, नेपाल, भूटान तथा म्यांमार के साथ प्राकृतिक हैं, लेकिन पश्चिम में पाकिस्तान और पूर्व में बांग्लादेश के साथ कृत्रिम हैं। भारत की सीमा 15,106.7 किमी है, जिसमें द्वीप भी शामिल हैं, और तटरेखा 7,516.6 किमी है।
पड़ोसी देशों के साथ भू-सीमाओं की लंबाई निम्नानुसार है –
देश का नाम | सीमा की लंबाई (किमी. में) | सीमा से संबद्ध भारतीय राज्य एवं केंद्रशासित प्रदेश |
बांग्लादेश | 4096.7 | पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, त्रिपुरा, मिजोरम |
चीन | 3488.0 | लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश |
पाकिस्तान | 3323.0 | लद्दाख, जम्मू और कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, गुजरात |
नेपाल | 1751.0 | उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, सिक्किम |
निष्कर्ष:
निष्कर्ष के रूप में, भारत की विविधतापूर्ण जमीन उसे दुनिया भर में अन्य देशों से अलग करती है। भारत में विशाल मैदानों, उष्णकटिबंधीय वनों और तटीय क्षेत्रों से लेकर हिमालय की ऊंची चोटियों तक एक अद्भुत विविधता है। यह विविधता देश की संस्कृति और प्राकृतिक विविधता को सुंदर बनाती है।
भारत को भविष्य में इन प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और संवर्धन करना चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए इस अद्भुत भौगोलिक विरासत को बचाया जा सके।
इन्हें भी पढ़े –
- प्राचीन भारत का इतिहास हिंदी में | history of ancient india in hindi
- भारत के भौतिक विभाजन हिंदी में। | Physical divisions of India in Hindi