भारत के भौतिक विभाजन | Physical divisions of India in Hindi
हेल्लो, कैसे हो आप आज हम भारत के भौतिक विभाजन को हम गहराई से अध्यन करेंगे, भारत के भौतिक विभाजन | Physical divisions of India in Hindi के बारे में जानेंगे। भारत का विविधतापूर्ण भूगोल विश्व का सातवां सबसे बड़ा देश है। भारत में विशाल मैदानों, उष्णकटिबंधीय वनों और तटीय क्षेत्रों से लेकर हिमालय की ऊंची चोटियों तक एक अद्भुत विविधता है। भारत की भौगोलिक विविधता को समझने के लिए छह महत्वपूर्ण भौगोलिक क्षेत्रों का नामकरण किया गया है।
भारत के प्राकृतिक प्रदेश
पुराचुंबकत्व अध्ययन की वह शाखा, अवसादों के निर्माण के समय चट्टानों के संरक्षित गुणों का अध्ययन करती है। पुरानी भूवैज्ञानिक घटनाओं का अध्ययन इस विज्ञान शाखा से आसान होता है। पुराचुंबकत्व भी पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र का अध्ययन करता है। Alfred Wegener के महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत को भी पुराचुंबकीय अध्ययन से प्रमाणित किया गया है।
महाद्वीपीय विस्थापन सिद्धांत के अनुसार, गोंडवानालैंड का हिस्सा भारतीय स्थल पिंड है। गोंडवाना क्षेत्र में भारत, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका और अंटार्कटिक शामिल थे।संवहनीय धाराओं ने मध्यवर्ती मध्यजीवी काल में गोंडवानालैंड को कई भागों में बांट दिया। विभाजन के बाद भारतीय प्लेट गोंडवाना से अलग होकर उत्तर की ओर चला गया।
यूरेशियन प्लेट अपने से अधिक विशाल भारत प्लेट से टकरा गया जब यह उत्तर की ओर चला गया। इस टकराव के परिणामस्वरूप, इन दोनों प्लेटों (भारतीय और यूरेशियन) के बीच स्थित “टेथिस सागर” के अवसादी चट्टान गिर गए और हिमालय और पश्चिम एशिया की पर्वतीय श्रृंखला बन गई।
उत्तर का पर्वतीय प्रदेश
भारत की उत्तरी सीमा पर फैली हुई हिमालय एक नवीन बनावट और भूगर्भीय रूप से युवा पर्वत श्रृंखला है। ये पर्वत श्रृंखलाएं सिंधु से ब्रह्मपुत्र तक पश्चिम-पूर्व दिशा में फैली हैं। हिमालय दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत है। हिमालय लगभग 2500 किलोमीटर (औसत चौड़ाई लगभग 240 किमी.) की लंबाई में फैलता है और एक अर्द्धवृत्त का रूप लेता है। यह कश्मीर में 400 किमी और अरुणाचल प्रदेश में 150 किमी चौड़ा है।
भारत के प्रमुख हिमालयी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा शामिल हैं। इनके अलावा, पश्चिम बंगाल और असम के पहाड़ी क्षेत्र भी इसमें शामिल हैं। हिमालय के पूर्वी हिस्से में ऊंचाई की विविधता कम है।
हिमालय को निर्माण की आयु के आधार एवं वलयों की तीव्रता के आधार पर चार समांतर संरचनात्मक क्षेत्रों में बांटा जा सकता है –
1. ट्रांस हिमालय (तिब्बत का क्षेत्र)
2. वृहद हिमालय (महान हिमालय)
3. लघु हिमालय (मध्य हिमालय)
4. बाह्य उप हिमालय (शिवालिक)
हिमालय का उपर्युक्त अनुदैर्ध्य क्रम उत्तर से दक्षिण है। क्रिटेशियस-टर्शियरी काल में ट्रांस हिमालय का उत्थान हुआ था। यही कारण है कि यह हिमालय की सबसे प्राचीन श्रेणी है। टर्शियरी काल के विभिन्न युगों में अन्य हिमालयी क्षेत्रों का उदय हुआ है।
दक्षिण एवं मध्य भारत की पर्वत श्रेणियां एवं पहाड़ियां
भारत के बड़े क्षेत्रफल में प्रायद्वीपीय पठार में एक मेज की आकृति वाला स्थान है. इसमें पुराने क्रिस्टलीय आग्नेय और रूपांतरित शैलों का उपयोग किया गया है। गोंडवाना भूमि के अपक्षय और अपवाह से बना प्रायद्वीपीय क्षेत्र सबसे पुराना है। इस पठारी क्षेत्र में गोलाकार पहाड़ियां और चौड़ी और छिछली घाटियां हैं।
इस पठार के दो मुख्य भाग हैं –
- मध्य उच्च
- भूमि’ तथा ‘दक्कन का पठार’
मध्य उच्च भूमि नर्मदा नदी के उत्तर में प्रायद्वीपीय पठार है, जो मालवा पठार के अधिकांश हिस्से पर फैला हुआ है। विंध्य शृंखला उत्तर-पश्चिम में अरावली और दक्षिण में मध्य उच्च भूमि से घिरी है।
गुजरात के पालनपुर से राजस्थान और हरियाणा से दिल्ली तक लगभग 800 किमी की अरावली श्रेणी है। यह 600 से 570 मिलियन वर्ष पूर्व, प्री-कैम्ब्रियन काल में बनाया गया था। यह भारत की सबसे प्राचीन पर्वत श्रृंखला है और विश्व की सबसे प्राचीन भी है।
गुरु शिखर (1722 मी.) इसके सर्वोच्च शिखर है। अवशिष्ट पर्वत (Residual Mountain) अरावली है। अवशिष्ट पर्वतों को कहा जाता है जब प्रारंभिक पर्वत अपरदन की वजह से अपरदित होकर नीचे हो जाते हैं और केवल अवशेष या शेष अवरोधक हिस्सा दिखाई देता है।
पर्वत चोटियां
माउंट एवरेस्ट विश्व का सर्वोच्च पर्वत शिखर है। इसकी ऊंचाई 8848 मीटर है और नेपाल में है। 2020 में, नेपाल और चीन ने माउंट एवरेस्ट की आधिकारिक ऊंचाई 8848.86 मील बताई। 1984 में एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला बछेंद्री पाल थीं। माउंट गॉडविन ऑस्टिन भारत का सर्वोच्च शिखर है। यह काराकोरम श्रेणी का शिखर है।
इसकी समुद्रतल से ऊंचाई 8611 मीटर है। पाक अधिकृत भारत में है। कंचनजंगा, नेपाल और सिक्किम में भारत की दूसरी सबसे ऊंची चोटी है। कंचनजंगा 8598 मीटर की ऊंचाई पर है। 2016 में, यूनेस्को ने कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान को मिश्रित वर्ग के अंतर्गत विश्व धरोहर स्थल घोषित किया।
घाटियां
हिमालय में समानांतर श्रेणियां हैं। उन्हें कश्मीर घाटी, दून घाटी, कांगड़ा और कुल्लू घाटियां (हिमाचल प्रदेश), भागीरथी घाटी (गंगोत्री के निकट) और मंदाकिनी घाटी (केदारनाथ के निकट) आदि अनेक घाटियों से बचाया जाता है। ये स्थान पर्यटकों के आकर्षण हैं और लोगों से भरे हुए हैं।
कुल्लू घाटी हिमाचल प्रदेश की धौलाधार और पीर पंजाल श्रेणियों के मध्य है। भारत के उत्तराखंड राज्य में स्थित गंगोत्री नेशनल पार्क उत्तरकाशी जिले में है। नेलांग घाटी, भारत-चीन सीमा के पास है, वर्ष 1962 के युद्ध के बाद लोगों के लिए बंद कर दी गई थी।
2015 मई में पर्यटकों के लिए खुला हुआ है। मर्खा घाटी, लद्दाख केंद्रशाि प्रदेश की एक प्रसिद्ध घाटी है, जो 31 अक्टूबर, 2019 से लागू हो गई है। जुकू घाटी जफू पर्वत के पीछे समुद्र तल से 2438 मी. की ऊंचाई पर भारत के पूर्वोत्तर राज्य नगालैंड में स्थित है।
निष्कर्ष:
निष्कर्ष के रूप में, भारत को छह अलग-अलग भौगोलिक क्षेत्रों में विभाजित किया गया है: उत्तरी पर्वतीय क्षेत्र, उत्तरी मैदान, दक्षिणी पठार, तटीय मैदान, भारतीय मरुस्थल और द्वीपीय क्षेत्र, ये क्षेत्र देश की अलग-अलग परिस्थितियों को चित्रित करते हैं। प्रत्येक स्थान का भूगोल अलग है, जो स्थानीय जीवन, संस्कृति और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव डालता है।
इस विभाजन में प्राकृतिक संसाधनों का वितरण, जो देश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान देता है, भी शामिल है। भारत की समृद्धि के स्रोतों और उसके भौगोलिक विभाजन को समझना महत्वपूर्ण है।
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